Description
According to Lal Kitab, a bad or malefic Mars (Mangal) in a horoscope can bring significant challenges in a person’s life. Mars is a fiery planet representing energy, aggression, courage, and ambition. When negatively placed, it can lead to impulsive behavior, anger issues, and conflicts in both personal and professional relationships.
A malefic Mars, especially in houses like the 1st, 4th, 7th, 8th, or 12th, may result in marital discord, legal disputes, injuries, or accidents. It can cause delays or problems in marriage and is often associated with the “Manglik Dosha,” which can affect compatibility and harmony in married life. Financial instability and property-related issues are also common under its negative influence.
In Lal Kitab, Mars is considered particularly dangerous if remedies are ignored, as it may trigger sudden losses, health problems (especially related to blood or surgery), or even legal entanglements. Overconfidence and dominance can alienate allies and create enemies.
मंगल बद हमारे जीवन में सुखो को बहुत बुरी तरह से प्रभावित करता है। मंगल बद बुराई का कारक होता है। ऐसे लोग मंद भाग्य होते हैं हर खुशी के बाद उनके जीवन में गम के बादल छा जाते हैं।
वह अपनी धन दौलत, माता–पिता और परिवार के लिए भी शुभ नहीं होते।
ऐसे लोगों की आंखों की रोशनी बहुत कमजोर होती।
ऐसे लोगों का पेट अक्सर खराब रहता है। उनको पेट गैस, एसिडिटी,कब्ज या फिर पेट में अल्सर जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता।
इन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत भी रहती है।
ऐसे लोगों की अपने भाई से नहीं बनती और यह हमेशा कर्ज में डूबे रहते हैं।
कौन सी ग्रह स्थितियां बनाती है मंगल बद
जब भी मंगल खाना नंबर 4 या 8 में होगा या मंगल का संबंध बुध से होगा तो मंगल बद होगा ।
मंगल, अगर केतु के साथ हो या फिर आठवें घर में मे केतु हो तो भी मंगल बद होगा।
कुंडली में जब भी सूर्य और शनि इकट्ठे होंगे तो मंगल बद होगा।
मंगल को चंद्रमा की सहायता ना मिल रही हो यानी के सूर्य और चंद्रमा खाना नंबर 1 या 8 में ना हो तो मंगल बद होगा।
खाना नंबर 9 में अगर शुक्र आ जाए तो भी मंगल बंद होगा।
अगर सूर्य खाना नंबर 6,7,10 या 12 घरों में हो तो भी मंगल बद होगा। अगर बुध और केतु खाना नंबर 1 या 8 में आ जाएं तो भी तो भी मंगल का प्रभाव बहुत ज्यादा जहरीला हो जाता है।
कुंडली में जब भी शुक्र और बुध एक साथ हो तब भी मंगल बद का योग बनता है।
क्या करें उपाय
मंगल बद को ठीक करने के लिए मंगल को इसके मित्र ग्रहों की सहायता देनी अत्यंत आवश्यक है। मंगल के मित्र ग्रह है– सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति।
ऐसे में इन तीनों ग्रहों से संबंधित धातुओं को मिलाकर एक छल्ला तैयार किया जाता है जिसे मंगलबद का छल्ला कहते हैं। यह छल्ला ढलाई का होता है और इसमें कोई भी जोड़ नहीं होता।
इसमें बृहस्पति का पीतल, चंद्रमा की चांदी और सूर्य का तांबा मिलाया जाता है। इस छल्ले को पहनने से मंगल बद के बुरे प्रभाव दूर हो जाते हैं।
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