Description
राहु की अशुभ दशा (राहु महादशा या अंतर्दशा) व्यक्ति के जीवन में कई प्रकार की परेशानियाँ और उतार-चढ़ाव लेकर आ सकती है। राहु एक छाया ग्रह है जो भ्रम, माया, आकस्मिक घटनाएँ और मानसिक तनाव का कारक माना जाता है। जब राहु की दशा अशुभ रूप से चल रही हो, तो व्यक्ति को मानसिक अस्थिरता, अवसाद, भय, भ्रम और आत्म-विश्वास की कमी का सामना करना पड़ सकता है।
अशुभ राहु दुष्ट विचारों, गलत निर्णयों और अचानक आने वाली दुर्घटनाओं का कारण बन सकता है। यह दशा व्यक्ति को झूठ, धोखा, कानूनी समस्याओं, अपयश और गलत संगत की ओर भी आकर्षित कर सकती है। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह दशा सिरदर्द, नसों से संबंधित रोग, नशे की आदतों या मनोविकारों को जन्म दे सकती है।
राहु की दशा में रिश्तों में खटास, सामाजिक प्रतिष्ठा में गिरावट और आर्थिक हानि की संभावनाएँ बढ़ जाती हैं। कार्यस्थल पर अस्थिरता और विरोध का सामना भी हो सकता है। इस दशा के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए राहु यंत्र, राहु मंत्र जाप, हनुमान जी की उपासना और कालसर्प दोष निवारण जैसे उपाय लाभकारी माने जाते हैं।
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