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किस तरह केतु शुभ फल देता है घर में खरगोश रखने पर
लाल किताब के अनुसार कुंडली का छठा घर रोग, ऋण और शत्रु का होता है| छठे घर में चंद्रमा आकर कुछ ग्रह अपनी शुभता खो देते हैं| ऐसे ही जब चंद्रमा छठे घर में आता है, तो अपने साथ बहुत सारी मुश्किलें लेकर आता है| ऐसा चाहे जातक की जन्मकुंडली में हो या वर्षफल के अनुसार|
जब कुंडली में चंद्र खाना नंबर 6 में हो और शुक्र भी नीच हो रहा हो तो इसका प्रभाव घर की औरतों पर पड़ता है| उनको स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां आती हैं| आपके जीवन में सुख–समृद्धि और वैभव की कमी हो जाती है और आपका बहुत सारा पैसा दवाइयों पर ही खर्च हो जाता है|
खाना नंबर 6 पर होने पर अगर चंद्रमा का संबंध केतु से हो जाए यानी के अगर केतु खाना नंबर 2,6,12 में आ जाए पेशाब संबंधी दिक्कतें या बीमारियां जातक को हो सकती हैं जातक को पाचन तंत्र संबंधी समस्याएं हो सकती हैं|
अगर चंद्रमा यहां पर अशुभ हो तो जातक के हर काम में अड़चनें आएंगी| उसके ऊपर कर्ज का बोझ बढ़ जाएगा| कुंडली में अगर शुक्र मंदा है और चंद्र खाना नंबर 6 में है तो आपके ससुराल खानदान पर इसके बुरे असर उजागर होंगे|
छठे घर के चंद्रमा वाले व्यक्ति को कभी भी दूध पानी या चांदी का दान नहीं करना चाहिए| जब छठे घर में चंद्रमा के जहर को धोना हो, तो आपको खरगोश की पालना करनी होगी| आप घर में खरगोश पाले और उनकी सेवा करें| परंतु अगर आप असली खरगोश नहीं पाल सकते, तो आप खरगोश घर में स्थापित कर सकते हैं|
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