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भिखारी को भी धनवान बना सकता है गुरुपुष्य योग और केले की जड़ की ताबीज
गुरुपुष्य योग हिन्दू ज्योतिष के अनुसार एक अत्यंत शुभ और सिद्ध योग होता है, जिसे ‘अखण्ड सौभाग्य योग‘ भी कहा जाता है। जब गुरुवार (बृहस्पतिवार) के दिन पुष्य नक्षत्र आता है, तब यह योग बनता है। यह योग बहुत ही दुर्लभ और फलदायी होता है। इस दिन किया गया कोई भी कार्य सफल होता है और उसका शुभ फल लंबे समय तक प्राप्त होता है। यह योग जीवन में सौभाग्य, समृद्धि और सफलता लाने वाला माना गया है।
गुरुपुष्य योग के ज्योतिषीय महत्व:
- सभी कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त:
- इस योग में व्यापार शुरू करना, नया वाहन या संपत्ति खरीदना, गहने लेना, शेयर बाज़ार में निवेश, आदि बहुत ही फलदायी माने जाते हैं।
- इस दिन कोई भी शुभ कार्य बिना पंचांग देखे किया जा सकता है।
- धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों के लिए उत्तम:
- मंत्र सिद्धि, यंत्र स्थापना, रुद्राक्ष धारण, मंत्र जाप, हवन, पूजा–पाठ आदि के लिए यह योग अत्यंत प्रभावशाली होता है।
- मंत्र सिद्धि, यंत्र स्थापना, रुद्राक्ष धारण, मंत्र जाप, हवन, पूजा–पाठ आदि के लिए यह योग अत्यंत प्रभावशाली होता है।
- गुरु ग्रह की शक्ति से युक्त:
- गुरुवार को आने के कारण यह योग गुरु (बृहस्पति) की शुभता को और अधिक बल देता है।
- गुरु ग्रह ज्ञान, धन, संतान और विवाह का कारक होता है, इसलिए यह योग इन सभी कार्यों के लिए लाभकारी माना गया है।
- आकस्मिक लाभ और उन्नति का योग:
- इस योग में किया गया धन निवेश या कोई भी निर्णय भविष्य में लाभ और उन्नति का द्वार खोल सकता है।
Note – इस दिन केले की जड़ को विधि विधान द्वारा प्राप्त करके ताबीज में भरकर घर की तिजोरी में रखा जाता है या इस ताबीज़ को गले में धारण किया जाता है, ताकि धन से जुडी समस्या को दूर किया जा सके और यह ताबीज़ बच्चों में ज्ञान बुद्धि और समझदारी में भी वृद्धि करता है
अगर आप भी अपने लिए सिद्ध केले की जड़ की ताबीज़ मंगवाना चाहते हैं तो जल्दी ही मंगवा लें ताकि गुरु पुष्य के शुभ दिन में 24 July 2025आप इसे धारण कर सकें
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